परिवार
परिवार
परिवार ही परिभाषा है, प्रेम की अभिलाषा है,
हर रिश्ते को जोड़ के बनता है परिवार,
सबका है अपनत्व का व्यवहार
ये एक धागे मे जोड़े हुए हर नाता है,
परिवार ही हर मुश्किल में काम आता है।
माँ बाप की जहां छाया है , परिवार ही साथ सबको लाया है,
आंगन जहां बच्चों कि खुशी से भर जाता है,
दादा दादी कि कहानियों मे बचपन घुल मिल जाता है
हर रिश्ते का यहाँ एक हिस्सा है, परिवार अनोखा किस्सा है।।
हंसी, खुशी और मस्ती में बीत जाता हैं यहाँ दिन,
सबके साथ होने पर लगता नहीं कोई काम मुश्किल,
अगर ना हो परिवार तो बिखरा होगा ये संसार,
न होगा कोई बांटने को दर्द, होगा सबके ऊपर रिश्तों का कर्ज,
परिवार एक मिसाल है, रब का दिया अनोखा उपहार है,
है जिसका परिवार साथ-साथ, उसको मिला जिन्दगी का सबसे बड़ा सौगात।।