Suryadev Singh

Inspirational

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Suryadev Singh

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नई शुरुआत

नई शुरुआत

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जो चांद तक उड़ान हो, वक्त की पहचान हो, 

उमंग और उत्साह हो, खुद की नई पहचान हो,

मंजिले आसान हो, चाहें सामने पहाड़ हो, 

कुछ करने का मन मे ठान लो, हर पहलु से खुद को पहचान लो। 

जो चादं तक उड़ान हो, छूना चाहते आसमान हो, 

गिरते, सम्भलते बढ़ आगे तु और तेरे सामने एक मुकाम हो, 

हो चाहे कुछ फिर भी ना आराम हो, तेरे हौंसले मे जान हो,

हर बात गांठ बान्ध लो, एक लम्बी सी तुम श्वास लो।। 

भले हार साक्षात हो, सत्य पर अडिग रहो, 

फिर और क्या ही बात हो बस यहीं नई शुरुआत हो, 

मन मे उमंग का उफान हो, हर बात का समाधान हो, 

जब खुद को पहचान लो, कर आरम्भ का आगाज लो। 

आत्म शक्ति का आह्वान हो, कुछ करने का दृढ़ विश्वास हो,

हर मुश्किलें आसान हो, जब तु ही तेरे साथ हो, 

जब आगे अन्धकार हो, साथ तेरे ज्ञान का प्रकाश हो, 

एक लक्ष्य मात्र साध लो, हर जीत का तुम लाभ लो ।। 



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