परिवार
परिवार
परिवार जो है
वह एक
छोटा सा
अपना
संसार हैं
परिवार
के भीतर
सारे खून के
रिश्ते मिलते है
वो रिश्ते
जो स्वार्थहीन
होते हैं
हमारे उत्पत्ति का
मुख्य कारण
परिवार हीं हैं
परिवार के बगैर
अपनी कल्पना
करना हीं
बेमानी है
आज जो मैं
बड़ा हुआ हूं
खड़ा हुआ हूं
अपने दम पर
चल लेता हूं
बोल लेता हूं
सभ्य समाज का
हिस्सा हूं
इसका वजह भी
परिवार हीं है
परिवार ने हीं
हमें सींचा है
परिवार हीं
प्रथम पाठशाला है
जहां हम सीखते है
परिवार का
संस्कार
जीवन जीने का
सलीका
अनेको परिवार
मिलकर
समाज बनता है
समाज से एक सुंदर
देश का
निर्माण होता है
परिवार जिंदगी को
चलाने का
अति महत्वपूर्ण
हिस्सा है।