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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Others

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Others

प्रेम

प्रेम

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प्रेम जीवन है

प्रेम है मृत्यु

प्रेम काल है

प्रेम महाकाल है

प्रेम आदि और

प्रेम अन्त है

प्रेम प्रकृति का

सार तत्व हैं

प्रेम सर्वस्व हैं

प्रेम समर्पण

प्रेम है सुंदर

प्रेम असुंदर

जो शब्दों में न

बंध पाए

प्रेम वही है

प्रेम ही सर्वस्व है 

प्रेम सर्वज्ञ है

प्रेम जहां है

प्रेम है सर्वव्यापी


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