प्रेम
प्रेम
गुजरते वक्त का तेरा साथ हूं ,
बदलते वक्त का आशियाना हूं ,
नए वक्त का तेरा हमसफर हूं ,
तेरे प्यार का नया जमाना हूं ,...........(1)
लोगो के दिलो में समाया हूं ,
तेरे प्यार में अब खोया सा हूं ,
पुकार रही है अब वो गलियारे ,
जिसमे समाये प्रेम के आशियाने ,........(2)
खुदा ने चाहा तो मिलना अब है ,
तेरे प्यार में मुझे समाना अब है ,
सच हो रही है प्यार की मंजिल
दिल के स्वप्नों में छायी है मंजिल ,.........(3)
डूब सा गया हूं प्यार के सागर में ,
सन्नाटा छाया है दिल के सागर में ,
तेरे नाम के हर शब्द के रहे आशु ,
आशु की बूंद से लिखूं ये कविता ,...........(4)
पल पल टूटती दिल की आश है ,
तुझको अब मिलने की आश है ,
मिलेंगें हम बदलतें हर वक्त में ,
लिखेंगे प्यार की नयी है कहानी ।..........(5)

