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Jay Patel

Romance

4  

Jay Patel

Romance

प्रेम

प्रेम

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गुजरते वक्त का तेरा साथ हूं ,

बदलते वक्त का आशियाना हूं ,

नए वक्त का तेरा हमसफर हूं ,

तेरे प्यार का नया जमाना हूं ,...........(1)


लोगो के दिलो में समाया हूं ,

तेरे प्यार में अब खोया सा हूं ,

पुकार रही है अब वो गलियारे ,

जिसमे समाये प्रेम के आशियाने ,........(2)


खुदा ने चाहा तो मिलना अब है ,

तेरे प्यार में मुझे समाना अब है ,

सच हो रही है प्यार की मंजिल 

दिल के स्वप्नों में छायी है मंजिल ,.........(3)


डूब सा गया हूं प्यार के सागर में ,

सन्नाटा छाया है दिल के सागर में ,

तेरे नाम के हर शब्द के रहे आशु ,

आशु की बूंद से लिखूं ये कविता ,...........(4)


पल पल टूटती दिल की आश है ,

तुझको अब मिलने की आश है ,

मिलेंगें हम बदलतें हर वक्त में ,

लिखेंगे प्यार की नयी है कहानी ।..........(5)


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