प्रेम जीवन सारांश
प्रेम जीवन सारांश
कुरुक्षेत्र में कृष्णा गीता ज्ञान अर्थ महाभारत का महासंग्राम
सारथी कृष्णा कर्म धर्म दायित्व बोध धर्म भाव।।
कान्हा की बाँसुरी प्रेम शान्ति प्रवाह प्रसंग सौम्यता
दिव्यता भव्यता भगीरथ तप तपस्या त्याग।।
सार संसार उदय उदित संध्या प्रभात कृष्णा
कर्मयोग निष्काम कर्म बैराग्य कलयुग उद्धार महत्व मार्ग।।
भक्ति प्रेम ज्ञान की व्याख्या परिभाषा उद्धव गोपी ज्ञान
आकर्षण प्रतिकर्षण प्रेम जन्म जीवन संसार।।
यथार्थ नित्य निरंतर प्रवाह भ्रमर पल प्रहर बदलते काल समय कृष्णाभाव।।
महायोगेश्वर कृष्ण गोपी गोपेश्वर का महारास प्रेम विरह ज्ञान विज्ञा बैराग्य महत्व मार्ग।।
शब्द स्वर सरस् सरिता ललित ललिता युग गुरु कृष्णा वैश्विक आवाहन शंखनाद।।
श्री कृश्नः शरणम मम वास्तव वास्तविक वास्तविकता
जन्म जीवन रस छंद अलंकार अलंकृत पग पल प्रहर।।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे हे नाथ नारायण बासुदेव सर्वे भवंतु सुखिनः
कर्षति इति कृश्नः विद्वत मनीषि शब्द स्वर अर्थ महत्व महिमा महान।।
कृष्णाय बासुदेवाय हरये प्रमात्ममने प्रणतक क्लेश नाशाय गोविदाय नमो नमः सत्त्यार्थ।।
आत्म संबद्ध जन्म जन्मांतरण आत्म जीवन यात्रा सत्यार्थ वर्तमान प्रेरक प्रेरणा यथार्थ।।