प्रेम अपरिभाषित है
प्रेम अपरिभाषित है
प्रेम
बिना
देखे
बिना
जाने
अमूर्त
चीज
से
क्या
हो
सकता
है
क्या
अहसासो
से
भी
हो
सकता
है
प्रेम
अगर
हां
तो
प्रेम
सचमुच
अपरिभाषित
है।
प्रेम
बिना
देखे
बिना
जाने
अमूर्त
चीज
से
क्या
हो
सकता
है
क्या
अहसासो
से
भी
हो
सकता
है
प्रेम
अगर
हां
तो
प्रेम
सचमुच
अपरिभाषित
है।