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Devendra Singh

Inspirational Children

4  

Devendra Singh

Inspirational Children

पेड़ पौधे

पेड़ पौधे

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धरती का श्रृंगार है ये , 

पशुओं का आहार है ये , 

वायु नीर से जीवन है

जीवन का आधार है ये ! 

धरती का श्रृंगार है ये।


शीतल छाया वायु सुहानी, 

इनसे वर्षे मेघा रानी! 

प्यास बुझाते धरती की ये, 

सरिता को उपहार है ये ! 

धरती का श्रृंगार है ये।


पंछी के ये रैन बसेरे, 

खग के डेरे सांझ सबेरे ! 

वन की गरिमा शैल सुहाने

गिरि के सिर का ताज है ये

धरती का श्रृंगार है ये।


जलवायु से मानव जीवन, 

शीत छाव भी करते अर्पण ! 

वृक्ष मानव के पालनहार , 

कोई रोको इनका संहार! 

धरती का श्रृंगार है ये।


मुश्किल जीना वृक्षों के बिन, 

जीवक का दुर्लभ है जीवन ! 

मत घटाओं वृक्षों को , 

पेड़ लगाओ जीवन को, 

वायु का संचार है ये ! 

जीवन का आधार है ये।

धरती का श्रृंगार है ये।।


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