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Shiva G

Inspirational

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Shiva G

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नया चश्मा

नया चश्मा

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आज नया चश्मा है लगाया,

नारी 'देवी' दिखती है।

चंद दिनों की बात तो है

फिर माल भी नज़र आयेगा

सामान भी नज़र आयेगा।।


तकल्लुफ क्यों करते है,

चश्मा लगाने और

लगाकर उतारने का।


ग़र ज़िंदा है ज़मीर

तो निज आँखों को ज़िंदा रख।


''वो देख तेरी भाभी जा रही है''

खून उबाल खाने लगता है।

सुनकर जब खुद की बहन को,

सुनाई पड़ जाए ये सुंदर शब्द।।


ये तुम्हारी बहन के बारे में

सोच कर देखो तो पता चलेगा

बोलना जरूरी है क्या?

ये तुमको बताना जरूरी है क्या?

"आपके अंदर के हैवान को सुलाने के लिए"!


माँ - बहन हो न हो..

भीतर इंसान है क्या कोई?

है तो जीने दो उस इंसान को,

नहीं है तो मार दो ऐसे हैवान को।।


सोच पर प्रहार की आवश्यकता,

बच्चों में संस्कार की आवश्यकता।

9 दिन दिखावटी पूजा से दूर,

असल में हर व्यक्ति के सम्मान की आवश्यकता।।


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