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Kumari Mamta

Inspirational

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Kumari Mamta

Inspirational

// नेताजी ( सुभाष चन्द्र )

// नेताजी ( सुभाष चन्द्र )

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नेताजी के नारे में जैसे भारत भूमि सबल थी।

खून के बदले आजादी योजना यही प्रबल थी।


जीवन जीना यदि स्वाभिमान से तो ये राह चुनना होगा।

तोड़ के बेड़ी सहनशीलता की अंग्रेजों का फन कुचलना होगा।


मित्रों आहुति दो यदि लहू से अपने हम इतिहास बदल देंगे।

उन्मुक्त तिरंगा लहरा कर हम अंग्रेजों के भूगोल बदल देंगे।


जितने झंझावात हैं मन में अपने उनमें आज हवा दो।

शत्रु के नृशंस सपनों को जला के आग लगा दो।


जलियांवाला बाग न भूलो भारत का हृदय जला था।

अंग्रेजों के खातिर देव भूमि में मौत का तांडव मचा था।


चूड़ी-कंगन की कुर्बानी क्या तुम्हें याद नहीं है।

लक्ष्मी बाई की बलिदान का कोई मिसाल नहीं है।


लाखों लाशों के ढेरों पर जब मशाल कोई जलता है।

सरहद पर तैनात वीर जवानों से घर पर में दीया जलता है।


आँचल में है दूध हमारे और आँखों में पानी।

मेंहदी वाली हाथों ने रची सिंदूर से अमर कहानी।


अपने आँखों के सपनों को तुम जब तक याद रखोगे।

इनके शहादत की कीमत क्या दिल में आबाद रखोगे।


रगों में बहते लहू हमारे जब तक उबलते जाएंगे।

नेताजी के कुर्बानी की हम तब तक गाथा गाएंगे।



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