नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं


इस युग की नारी हूँ मैं
और,मुझे इस बात का अभिमान है
क्योंकि....
अब अबला नहीं हूँ मैं
हाँ, नारी हूँ मैं
अब उन जंजीरों को तोड़ चुकी हूँ
जो मुझे स्वतंत्र और सशक्त
बनने से रोकती थी,और
तोड़ चुकी हूँ उन दीवारों को
जो मुझे कैद करना चाहती थी
क्योंकि....
अब सशक्त हूँ मैं
हाँ, नारी हूँ मैं
नारी होना कोई अभिशाप नहीं है
नारी बनकर जीना कोई खिलवाड़ नहीं है
ममता,दया और संघर्ष की मूरत हूँ मैं
हाँ, नारी हूँ मैं
अब अपनी कहानी खुद लिखना है
दुनिया में अपनी पहचान बनाना है
अब नहीं गुजरना है किसी परीक्षा से
क्योंकि...
अधिकारों के लिए लड़ना जानती हूँ मैं
हाँ, नारी हूँ मैं!