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Aarinita Panchal

Inspirational

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Aarinita Panchal

Inspirational

नारी चेतना

नारी चेतना

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शोषण, हनन, हिंसा, बलत्कार, क्यों सहती है नारी?

अपनी रक्षा खुद ही करें,  ऐसी भी क्या लाचारी 


युगों युगों से पावन भूमि पर, जब जब देवी ने अवतार लिया 

झाँसी की रानी, इंदिरा, दुर्गा बनकर, हिंसक बल पर प्रहार किया।


चलो उठो! अब नारी तुम अपार दिव्य शक्ति को पहचानो

स्त्रीत्व के शक्ति मंच पर अपना किरदार बदल ड़ालो।


क्यों इतिहास के पन्नों पर, अबला बन अपना नाम ड़ुबोती हो ?

रूढ़ि विविशताओं पर अश्रु बहा, कुटिल कायरो के कुकृत्यों को सहती हो। 


आँधी-तूफान सा आक्रोश भरो, काली रणचंडी का स्वरूप धरो।

अपने साहस, शौर्य, पराशक्ति से, दुष्ट दानवों का संहार करो।


सहस्त्र अस्त्र -शस्त्र उठा लो, दरिन्दों से संग्राम करो

अपनी अस्मत की रक्षा के खातिर, भक्षकों पर प्रहार करो।


शून्य का विस्तार हो तुम,  सृष्टि का आधार हो तुम।

दृढ़ जोश, बुलन्द हौसलों से, नव विधान का निर्माण करो।


पुरूष प्रधान देश के तुम,  सारे नियम बदल ड़ालो।

अस्तित्व की भाग्य विधाता बन अपना संविधान बना ड़ालो।


आत्मबल की चिंगारी से, कर्मक्षेत्र के सारे विध्न जला ड़ालो।

विश्व धरा से अम्बर तक, "प्रियतम"स्वर्णिम इतिहास रचा ड़ालो।


नारी तुम महान हो, अपनी व्याख्या परिभाषा जान लो

भारत वर्ष के काल कपोल पर अपनी पहचान बदल डालो।

         अपनी पहचान बदल डालो।


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