STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Abstract

4  

Sudhir Srivastava

Abstract

मृत्यु पीड़ा

मृत्यु पीड़ा

1 min
333


मृत्यु पीड़ा का वर्णन करना नामुमकिन है,

क्योंकि अपनों को खोने की पीड़ा

हम सब मिलकर शोक जताकर

एक दूसरे को ढाँढस बँधाकर सह लेते हैं,

यही नियम और प्रकृति का विधान है

आया है सो जायेगा

यही सोच हमें ढाँढ़स बँधाती है,

किसी अपने की मृत्यु के बाद

जीने की राह दिखाती है।

मगर मृत्यु पीड़ा का अहसास

मृत्यु की ओर बढ़ रहा जीव ही वास्तव में कर पाता है,

मगर उसकी पीड़ा/अहसास का 

अनुभव बाँटने के लिए हमारे बीच 

वो कभी नहीं रह पाता है।

मृत्यु पीड़ा का सटीक चित्रण, महज परिकल्पना है,

महज छलावा और कल्पना है

मृत्यु पीड़ा का बखान कोई नहीं कर सकता,

जो वास्तव में झेलता है मृत्यु पीड़ा

वो बखान करने के लिए

इस मृत्यु लोक में भला कहाँ रहता?



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract