मोड़
मोड़

1 min

341
इसी मोड़ पर मिला था उससे,
अब इसी मोड़ पर अजनबी से गुजरते हैं,
पहले मिन्नतें हजार होतीं थीं,
अब बात ही मुद्दतो में करते है,
बदले नहीं हैं वो,
समय बदल गया है ,
कल तक साथ था हर मोड़ पर,
आज काफी आगे निकल गया है,
पीछे हम नहीं,
हमारे रास्ते अलग हो गये,
जाने अनजाने मे हम
खुद की दुनिया में खो गये,
अब याद उसे करते हैं,
हर मोड़ पर ठहरते हैं,
नजर कुछ कमजोर है शायद दोनों की,
किसी मोड़ पर मिल जाये तो भी,
नजरें न चार करते हैं।