jay paija
Inspirational
इन्सान कोई गुजरा हुआ वक्त नहीं
जो कभी वापस लौट के आता नहीं,
वो लौट के आता है अपने संस्कारों से
वो लौट के आता है अपने विचारों से,
आओ देखते है कौन तुम्हें रोकता है
यू वापस लौट के आने पर..
इन्सान कोई...
मनुष्य
मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना। मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना।
जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा । जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा ।
लाखों पीड़ा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं! लाखों पीड़ा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!
तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से। तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से।
शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी। शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी।
इस श्रृंगार में चार चांँद लगाता है उद्यान सुंदरवन सदाबहार। इस श्रृंगार में चार चांँद लगाता है उद्यान सुंदरवन सदाबहार।
एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है. एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है.
तुम दर्द को मुस्कराहट में दबा दो, तुम हर गम को दिल से हटा दो। तुम दर्द को मुस्कराहट में दबा दो, तुम हर गम को दिल से हटा दो।
जीवन क्या,बस साँसों का सौदा , ता-उम्र यहाँ बस भरनी किस्त ।। जीवन क्या,बस साँसों का सौदा , ता-उम्र यहाँ बस भरनी किस्त ।।
तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l
हर चेहरे की अपनी पहचान, हर शख्स की अलग है शान। हर चेहरे की अपनी पहचान, हर शख्स की अलग है शान।
कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I कहानी थी, अँधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा I
जो अँधेरा मुझे निगल गया था वही मेरी बच्ची के भविष्य की ओर बढ़ रहा था लेकिन अब मेरे विद्रोह के ज्वाल... जो अँधेरा मुझे निगल गया था वही मेरी बच्ची के भविष्य की ओर बढ़ रहा था लेकिन अब म...
.चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।। .चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।।
चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।। चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।।
ना जाने कैसे उसकी माँ रात भर सोए होगी, उसके सीने में गोली लगने से पहले वो रोई होगी। ना जाने कैसे उसकी माँ रात भर सोए होगी, उसके सीने में गोली लगने से पहले वो रो...
मुस्कराकर अपनी ही ख्वाहिशों को तोड़ देता है शायद उसे ही पिता कहते हैं। मुस्कराकर अपनी ही ख्वाहिशों को तोड़ देता है शायद उसे ही पिता कहते हैं।
नव स्फूर्ति के साथ नवाचार हो नये वर्ष में हर्ष का विस्तार हो. नव स्फूर्ति के साथ नवाचार हो नये वर्ष में हर्ष का विस्तार हो.
तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना। तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना।
उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार। उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार।