मंजिल तुझे मिल जाएगी
मंजिल तुझे मिल जाएगी
प्रियतमा का हाथ ले
बुरे वक्त में साथ दे
अपनों का प्रताप ले
मांझी बन तूफां में फंसी,
कस्ती भी निकल जाएगी
एक दिन,
मंजिल तुझे मिल जाएगी।
मजबूत हो इरादों से
विचलित ना हो फसादों से
हिम्मत कर फौलाद बन
मजबूर का हाथ बन
नव भोर नया दिन लाएगी
एक दिन,
मंजिल तुझे मिल जाएगी।
बिछड़ों को तू साथ ले
संत्रस्त को इंसाफ दे
बूड़े हुओं को तार दे
धीर बन न विमुख हो
टूटी आस भी जग जाएगी
एक दिन,
मंजिल तुझे मिल जाएगी।
