राखी
राखी
राखी एक पवित्र बंधन है,यह हम सबने जाना है
बहन भाई के रिश्ते का, यह इतिहास पुराना है,
लख करतूत बहादुर शाह की, कर्णावती घबराई थी
राखी भेज हुमायूं को, रक्षा की दई दुहाई थी ,
राखी के सम्मान की खातिर, उसने सेना सजाई थी
एक धागे ने मजहब की, देखो दीवार गिराई थी,
रक्षा करने का प्रण उसने अपने मन में ठाना है
भाई बहन के रिश्ते का यह इतिहास पुराना है,
हुई निर्बल मानवता, अब नारीत्व शर्मशार हुआ
चंद भेड़ियों के मंसूबो से कैसे रिश्ता निराधार हुआ,
देख कुप्रभाव रिश्तों पर मन विछुब्द हो जाता है
निज स्वार्थ वशीभूत यह रिश्ता मैला हो जाता है,
माना कलयुगी दुनिया में रिश्ते आज बेजान हुए
देख तितिक्षा बहन की रिश्ते खूब आबाद हुए,
चहुँ ओर मुझे रिश्तों में सत्कार दिखाई देता है
मैं रक्षक हूँ बहन का, मुझे प्यार दिखाई देता है,
कर लिया दृढ़ संकल्प ये वादा मुझे निभाना है
एक शहीद की बहन का भाई मुझे बन जाना है,
राखी एक पवित्र बंधन है,यह हम सबने जाना है
बहन भाई के रिश्ते का यह इतिहास पुराना है।