मेरी माँ
मेरी माँ


हम बच्चे जाने कब बड़े हो जाते हैं,
मां पापा की नजरो से दूर पढ़ने आ जाते हैं।
दोस्तों एक गुज़ारिश है तुमसे...
कि उनका भरोसा खुद से कभी उठने मत देना,
अपनी वजह से उन्हें कभी टूटने मत देना ।
हैं अगर उनकी दुआएं साथ हमारे ,
हर कामयाबी कदम चूमेगी तुम्हारे ।
तन्हाई में उन्हें याद करके , हम सो जाते हैं ,
हम बच्चे जाने कब बड़े हो जाते हैं ।
काश आज मैं मां के पास होती ,
तो उनसे मेरे सारे गम बयां कर देती ।
क्यूंकि ...
एक तू ही है जो मुझे समझेगी ,
मां मेरी हर तकलीफे दूर कर देगी।
काश आज उनके आंचल में हम सो जाते ,
जाने कब हम बच्चे बड़े हो जाते ।
मां मेरी हर गलतियों को माफ कर देती है ,
गलत रास्ते पर जाने से मुझे रोक लेती है।
मां आज तेरी बहुत याद आ रही है ,
मैं आ जाऊं तेरे पास ये तू भी चाह रही है।
मां....
हम क्यू इतने बड़े हो जाते हैं,
की तेरी नज़रों से कहीं दूर चले आते हैं।