मेरे साथी
मेरे साथी
हमेशा साथ देते हो तुम।
बिन बोले सब समझ लेते हो तुम।
पास न हो कर भी साथ रहते हो तुम।
साथ हो कर साथी का फर्ज निभाते हो तुम।
भाव के पथों पैड ऊगा कर तुम भावुक हुए,
भगवान नहीं बेटी मान कर मुझे अशरा दिलाई।
कभी बाप तो कभी साथी, कभी झंड तो कभी माफ़ी।
हमेशा साथ देते रहे बन कर मेरी साथी।