मेरा वतन
मेरा वतन
शांति प्रेम अमन का
है ये वतन मेरा
कितनों ने प्राण गवाए है
था उनका ही सहारा
दिल जान से लड़े है
जुल्मी शासन पर भारी
भाग गये अंग्रेज एक जूट
हुई जनता सारी
आज हर क्षेत्र में
तरक्की है देश करता
सब देश में नाम निकलता
है क्या शत्रु मित्रता
गर्व से कहे हम भारत
माता की जय जय कार
शत्रु हो या मित्र एक
बार लगाता पुकार।