मैं
मैं
हमेशा हँसते रहो,ऐसा कहती हूँ मैं,
तूफान सी लहरें लिए समंदर सी बहती हूँ मैं ।
अपनों से जीतकर भी,हार को सहती हूँ मैं,
आँखो में लाख सपने सजाए,छोटी सी दुनिया में रहती हूँ मैं ।।
हमेशा हँसते रहो,ऐसा कहती हूँ मैं,
तूफान सी लहरें लिए समंदर सी बहती हूँ मैं ।
अपनों से जीतकर भी,हार को सहती हूँ मैं,
आँखो में लाख सपने सजाए,छोटी सी दुनिया में रहती हूँ मैं ।।