मैं नहीं कहती !
मैं नहीं कहती !
मैं नहीं कहती कि,
सुदंर सा एक राजकुमार हो।
मैं नहीं कहती कि,
तारों से सज़ा एक आसमान हो।
मैं नहीं कहती कि,
बादलो से बनी एक सेज़ हो।
मैं नहीं कहती कि,
परियों का भी एक देश हो।
मैं नहीं कहती कि,
चाहतों का भी कोई भेष हो।
मैं नहीं कहती कि,
मैं तुम्हारी और तुम मेरे हो।
मैं नहीं कहती कि,
दुख मेरे नहीं हमारे हो।
मैं नहीं कहती कि,
दुनिया तेरी और
कायनात मेरी हो।
