माँ
माँ
माँ एक शब्द नही एहसास है
ये हमारे जीवन की आस है
माँ चोटी का विश्वास है
माँ भगवान् के लिए भी खास है
माँ ममता की मूर्त है
माँ भगवान् की ही सूरत है
माँ के लिए सब समान है
माँ की बच्चों में बस्ती जान है
माँ हम को संस्कार सिखाती है
माँ अच्छा नागरिक बनाती है
माँ त्याग की मूर्त है
माँ हर बच्चे की जरूरत है
बच्चों का भरकर पेट
माँ खुद भूखी सो जाती है
हम को सुला के सूखे में
माँ खुद गीले में सोती हैं
क्या बताऊँ दोस्तों
माँ ऐसी ही होती है
माँ ऐसी ही होती है।