माँ तेरे चरणों में
माँ तेरे चरणों में


जिसे मिलते हैं सजदे, जमीं पर, आसमानों में,
जिसे पूजते हैं लोग, दिलों के आशियानों में,
किसी की देवकी, किसी की यशोदा,
किसी की भारती माई है,
हे माँ तेरे चरणों में ही मैंने,
सारी दुनिया पाई है।
जब दर्द हुआ तुझे याद किया,
जब कुछ ना दिखा तुझे याद किया,
अंधेरी डगर में जब जब फँसा,
चिराग लेकर फिर तू ही आयी है,
हे माँ तेरे चरणों में ही मैंने,
सारी दुनिया पाई है।
बड़ा भले ही बहुत हूं मैं,
फिर भी कई डर है सताने को,
बातें तो दिल में बहुत छुपी हैं,
पर तेरे सिवा कोई नहीं बताने को,
सबसे स्वादिष्ट रोटी तो माँ मैंने,
तेरे हाथ की ही खाई है,
हे माँ तेरे चरणों में ही मैंने,
सारी दुनिया पाई है।