माँ (तेरा एहसास )
माँ (तेरा एहसास )
जो ना होकर भी अपने होने का एहसास दे जाती है
मां जब तुम पीछे से टोकती थी ना
तो उस समय बहुत बुरा लगता था
पर आज घर से बाहर जाती हूँ तो
तो कोई टोकने वाला नहीं होता
बस तेरे होने का एहसास हर पल होता है
जैसे आज भी तुम हमारे साथ हो
जब कोई मां अपने बच्चे को प्यार से दुलार करती है ना
तो आंख से आंसू झलक आते हैं
पर तू अगले ही पल अपने होने का एहसास दिला जाती है।