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माँ-बाप नहीं मिलते

माँ-बाप नहीं मिलते

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सोते हुए जो बड़े हसीन दिखाई देते हैं 

खुलते ही आँख फिर वो ख़्वाब नहीं मिलते।

कर ले ख़िदमत बंदे वक़्त है अब भी, 

दुनिया में पैसों से सब मिलता है 

मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


एक सितारा टूट कर गिरता है

तो करोड़ों सितारे हैं मगर 

आसमान में एक ढल जाये तो 

फिर दूसरे मेहताब नहीं मिलते। 

दुनिया में पैसों से सब मिलता है 

मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


बहुत हद तक मुमकिन है

कि मोहब्बत सब करें, 

ख़ुदा से भी बेहतर जो दिल की बात

समझें वो जज़्बात नहीं मिलते। 

दुनिया में पैसों से सब मिलता है <

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मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


खुशियों के सब साथी 

दुःख में साथ नहीं कोई, 

हों हालात बुरे तो साये भी

अपने पास नहीं मिलते,  

दुनिया में पैसों से सब मिलता है 

मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


चैनों-ओ-सुकूँ, ऐश-ओ-आराम, 

यार-दोस्त-माशूक़ 

तो कई बार मिल सकते हैं।  

एक बार गए तो फिर

वो सर पर रखने वाले 

शफ़क़त के हाथ नहीं मिलते,

दुनिया में पैसों से सब मिलता है  

मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


कर ले ख़िदमत बंदे वक़्त है अब भी 

दुनिया में पैसों से सब मिलता है  

मगर माँ-बाप नहीं मिलते। 


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