लक्ष्य
लक्ष्य
जितना -जितना मिटना सीखा
उतना दिल उजियारा हुआ।
मोह -माया के बंधन तोड़े,
मुक्त गगन में उड़ना सीखा।
तारे, चंदा, सूरज सबने,
हाथों को मेरे थाम लिया।
स्वार्थ से परमार्थ तक का
सफर यूं आसान हुआ।
जितना -जितना मिटना सीखा
उतना दिल उजियारा हुआ।
मोह -माया के बंधन तोड़े,
मुक्त गगन में उड़ना सीखा।
तारे, चंदा, सूरज सबने,
हाथों को मेरे थाम लिया।
स्वार्थ से परमार्थ तक का
सफर यूं आसान हुआ।