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Vishwa Priya

Abstract Drama Children

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Vishwa Priya

Abstract Drama Children

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो

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क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..

खुद से तुम अब खाना खाना चाहते हो

रोटी तोड़ के दोनों हाथों से ,

अपने नन्हे से मुख में डालते हो,

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..


जब पापा ने बोला-' हाथ धुलवा

के आओ मम्मा से'

तुम किचन छोड़ चुपके से

वाश बेसिन की ओर जाते हो,

अपनी एड़ियाँ ऊँची कर नल खोल

अपने नन्हे हाथों को धोते हो,

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..


तुम्हें सजाना मुझे अच्छा लगता है,

तुम हो तो एक बाबा

पर कभी कभी बेबी बना के फोटो

खींचने में आता है बहुत मज़ा,

अब तुम 'बिन्नी दो 'की जगह

'बिंदी लगाओ' कहते हो ,

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..


एक रोज़ जब मार्किट में

ऑटो नहीं मिल रहा था

मैं ऑटो-ऑटो चिल्ला रही थी,

हार कर जब मैं चुप हुई तो तुमने

हाथ दिखा कर चिल्लाया "ए ऑतो"


मेरी गोद में थे तुम,

पर तुम्हारा मन माँ की

परेशानी समझ रहा था,

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..


सो जाते हो डायनासोर का नाम सुन के,

पर जानते हो ये कि नहीं आता है

कोई डायनासोर कभी,

और कभी तो तुम मुझे ही डराने के लिये कहते हो,

 'मां ,बाहर मत जाना डायनासोर आ जाएगा'

समझते हो तुम मेरी सारी चालें,

 क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो..


थोड़े थोड़े बड़े हो कर बन

जाओगे बिग बॉय एक दिन,

मम्मा आज तुम्हारी बदमाशियों से

परेशान हो कर डांटती भी है तुम्हें,

लेकिन दुखी भी होती है थोड़ी,

क्योंकि फिर कुछ दिनों के बाद से 

गोदी में बैठ कर अठखेलियां नहीं करोगे

क्योंकि तुम अब बड़े हो रहे हो ।


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