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VIPIN KUMAR TYAGI

Abstract

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VIPIN KUMAR TYAGI

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कुंभ मेला हरिद्वार का ग़ौरव

कुंभ मेला हरिद्वार का ग़ौरव

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कुंभ मेला आया रे, कुंभ मेला आया रे, हरिद्वार का ग़ौरव आया रे,

उत्तराखंड का ग़ौरव आया रे, कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला लोगो के लिए नया व्यापार लाया रे,

गंगा स्नान का मौका आया रे,कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला बारह वर्ष बाद आया रे,

सभी के लिए कुछ न कुछ लेकर आया रे, कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला लोगो के पापो का विनाश करने आया रे,

लोगो को पुण्यों का फल देने आया रे, कुंभ मेला आया रे,

करोड़ों लोगों की आस्था का पर्व आया रे,

सभी का पर्व आया रे,कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला सभी साधुओं व अन्य लोगो के लिए महीनों चलने वाला पर्व आया रे,

कई स्नान के मौके लाया रे, कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेले के भव्य आयोजन का पर्व आया रे,

बारह बर्ष बाद यह पर्व पुन आया रे कुंभ मेला आया रे, कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला बहुत लोगो को रोजगार देने आया रे,

सभी के लिए आशा लेकर आया रे,कुंभ मेला आया रे,

कुंभ मेला आया रे, कुंभ मेला आया रे, हरिद्वार का ग़ौरव आया रे,

उत्तराखंड का ग़ौरव आया रे, कुंभ मेला आया रे!



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