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Richa kumari

Abstract

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Richa kumari

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कुदरत के बन्दे

कुदरत के बन्दे

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क्या है तेरा क्या है मेरा ?

हम सब कुदरत के बन्दे

लाल खून तेरा लाल खून मेरा

हम सब कुदरत के बन्दे 

चार धर्म बटगए धरति पर

जिसे बाँटा हमने जात पात का भेद लगा

कर बाँट दिया हमने रब को किसी ने

काहा रब मेरा मंदिर मेरा तो किसी ने

रब को भी चार हिस्सों में बाँटा

अरे भाया एक बात किसी ने ना जाना

कि क्या है तेरा क्या है मेरा जात पात धर्म के

आधार पर बँट गए चार भाई आखिर में

दोनो ने एक दुसरे का खून बहाया

 अपनों की लड़ाई में हम ये क्यों

भूल गए है कि कुदरत के बन्दे है

हम कुदरत के बन्दे

              


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