Lokesh Ojha
Abstract
पूरी दुनिया को जो बेचैन कर देता हैं
सारी खुशियों को जो ग्रहण लगा देता है
जिसके आने से बिगड़ गई अर्थव्यवस्थाएं
क्या वो कोरोंना ही है जो सब बन्द कर देता हैं।
समस्याएं तो ओर भी बहुत है इस संसार में
क्या इससे बचना सब सुलझा देता हैं।
काला पानी
कोरोना
कहीं पर्वत खड़े है तो कहीं नदियाँ बहा रही है प्रकृति कहीं पर्वत खड़े है तो कहीं नदियाँ बहा रही है प्रकृति
हम हमारे देश को बेहतर बनाना चाहते। जोश है जज़्बा भी है और प्यार भी इस दिल में है। हम हमारे देश को बेहतर बनाना चाहते। जोश है जज़्बा भी है और प्यार भी इस दिल में ...
क्या है ना मुहब्बत का तो दस्तूर ही यही है, जितनी सच्ची हो उतनी ही अधूरी रही है। क्या है ना मुहब्बत का तो दस्तूर ही यही है, जितनी सच्ची हो उतनी ही अधूरी रही ह...
जो कुदरत की देन, करूं उसे खुशी खुशी स्वीकार उसे संवारूं सजाऊं उसकी नेमत मान- जो कुदरत की देन, करूं उसे खुशी खुशी स्वीकार उसे संवारूं सजाऊं उसकी नेमत...
टकरा टकरा कर तूफानों से लहरें कब रुकती हैं टकरा टकरा कर तूफानों से लहरें कब रुकती हैं
अगर सिर्फ पैसा ज्यादा है तो ये कोई बड़ी बात नहीं पर अगर कीर्ति है फैली तब तो हैं ह अगर सिर्फ पैसा ज्यादा है तो ये कोई बड़ी बात नहीं पर अगर कीर्ति है फैली ...
जिसे सुन लोग कहें दर्द का क्या है है यह आनी जानी जिसे सुन लोग कहें दर्द का क्या है है यह आनी जानी
पशु पक्षियों को कई रंग रूप, आवाज़ दिए फल फूलों को कई स्वाद और आकार दिए। पशु पक्षियों को कई रंग रूप, आवाज़ दिए फल फूलों को कई स्वाद और आकार दिए।
कुछ अनजाने भी, निस्वार्थ साथ देते हैं कविताओं के जन्म लेने से कुछ अनजाने भी, निस्वार्थ साथ देते हैं कविताओं के जन्म लेने से
जानना है मुझे, क्या है क्षितिज के उस पार होगा दृष्टिगोचर एक विशाल, शून्य ,खालीपन जानना है मुझे, क्या है क्षितिज के उस पार होगा दृष्टिगोचर एक विशाल, शून्य ,खा...
सुदामा कृष्ण जैसी दोस्ती तेरी मेरी यारा, "कमल" भूखा तू है तो मैं निवाला खा नहीं सकता। सुदामा कृष्ण जैसी दोस्ती तेरी मेरी यारा, "कमल" भूखा तू है तो मैं निवाला खा नह...
प्रियतम, यह कैसी विह्वलता है यह कैसा व्यवधान यह कैसी शिथिल मुस्कान यह कैसा अनुमान ? प्रियतम, यह कैसी विह्वलता है यह कैसा व्यवधान यह कैसी शिथिल मुस्कान यह क...
तू जान न पाए मन का मोल मैं सुख और दुःख देता हूँ तोल तू जान न पाए मन का मोल मैं सुख और दुःख देता हूँ तोल
कभी पति के भविष्य में सुधर जाने की उम्मीद का। कभी पति के भविष्य में सुधर जाने की उम्मीद का।
विवाह जीवन का आधार, मिटाये सारे ही पापाचार, वंश बेल में होती है वृद्धि सदा, विवाह जीवन का आधार, मिटाये सारे ही पापाचार, वंश बेल में होती है वृद्धि सदा...
मगर हवा का झोंका ऐसा आया कहीं से ले गया उड़ा कर मेरे हर उद्वेग को मगर हवा का झोंका ऐसा आया कहीं से ले गया उड़ा कर मेरे हर उद्वेग को
अनोखी जिसकी काया दिमाग बहुत तीक्ष्ण पाया उसकी सुपर पावर का कोई पार नही पाया। अनोखी जिसकी काया दिमाग बहुत तीक्ष्ण पाया उसकी सुपर पावर का कोई पार नही पाया।
अब मैं दो खानदानों की इज्जत अपनी पीठ पर लेकर चलती हूं अब मैं दो खानदानों की इज्जत अपनी पीठ पर लेकर चलती हूं
एक अलग राज्य का निर्माण हो, ईर्ष्या द्वेष का नही कोई स्थान हो। एक अलग राज्य का निर्माण हो, ईर्ष्या द्वेष का नही कोई स्थान हो।
झाँक कर तुम ठीक से देखो रहीम के घर भी राम है। झाँक कर तुम ठीक से देखो रहीम के घर भी राम है।