कोई मिल जाए
कोई मिल जाए
खामोशी की कतार पे खड़ा हूं मैं।
जाने कब कोई सुकून मिल जाए।
गुमनाम राहों पे चल रहा हूं मैं।
जाने कब कोई हमसफ़र मिल जाए।
खोजने लगा हूं औरो मै।
जाने कब कोई अपना मिल जाए।
तलाशी ले रहा हूं उस आइने की।
जाने कब कोई तस्वीर मिल जाए।