कोई अनजान अपना
कोई अनजान अपना
एक पल में कोई अनजान
अपना हो गया
आज हक़ीक़त में तब्दील मानो
कोई सपना हो गया
दिल बस उसकी प्यारी यादों में
खोया होता है
घुल गए उनमें ऐसे, जैसे रसगुल्ला
चाशनी में भिगोया होता है
मिलते ही,उसके शुरू खुशियों की
बरसात हो गई
हम कितने ख़ुशनसीब है,जो ऐसे
शख्स से मुलाक़ात हो गई
सांसो से जुड़ा उनसे एक बहुत
सुंदर रिश्ता है
आये हैं, वो जिंदगी में ऐसे हमारी
जैसे कि कोई फ़रिश्ता है।