STORYMIRROR

Ishwarvati Mourya

Abstract

2  

Ishwarvati Mourya

Abstract

कलम आज उनकी जय बोल

कलम आज उनकी जय बोल

1 min
140

कलम आज उनकी जय बोल जला

अस्थियां बारी-बारी चटकाए


जिससे चिंगारी जो चल गए


पुणे बेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल

कलम आज उनकी जय बोल।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract