केसरी ए हिंद सरोज
केसरी ए हिंद सरोज
"केसर ए हिंद " और "भारत की तू ही है कोकिला "
भारत "आओ हम नमन" करें सब ये मेरी वंदना
"सरोज "अभिधान ही आपका शारदेय श्रद्धेय
गांधी आदर्श की तू है "नारीप्रतिमा"
कठिन संघर्ष से नेह,
कविता ,काव्यतात्म्कता
मातृत्व आत्मियता,
स्वतंत्रता संवादिता सत्याग्रह तेरा जीवन अध्याय,
करू वंदन अनेक
देश की तू है "प्रथम गवर्नर" गर्व से ऊंचा है हर नारी सर,
गांधी जी के पथ पर चलकर गरीबों को तू ने संवारा निखारा
कारावास ने भी तूने
जाकर
"नारी अधिकार" को राष्ट्रप्रेम
दिखलाया
नारी को अपना हक समझाने आत्म बल अपनाया ,
"डीयर बुलबुल" "डीयर मीरा" "अम्मा जान" और "मदर " नारी के तेरे उपनाम
गांधी कह के पुकारा
ये "नारी मुक्ति की सार्थकता" को साझा कर
हम रखें,
"सदैव अमन आता हो नारी श्रेष्ठ दिन "
"कब्रों में लगे मोती" ये है तेरी कविता का आगाज़,
"मृत्यु" पर भी कहा आपने कवियत्री बनकर आज
"प्रार्थना में सुनो देश के ए हिंदवासी,
"मेरा जीवन की क्षुधा नहीं मिटेगी ,जब तक आन है मृत्यु ,कभी तुम मुझ तक "
ऐसी बानी ही आज तुम्हारी
धर्म प्रदिप्त मार्ग जो तूने दिखलाया
नारी का हो हक समान, वो तूने कर दिखलाया
समृद्ध ,समावेशी ,बहुलता वादी , शहिष्णु हो मेरा भारत महान ,
ऐसी सारोजीनी
"अजर अमर हे"
धर्मनिरपेक्षता का राष्ट्र प्रहर है,
निर्माण भारत विश्व गुरु का और नारी अधिकार
ए केसरी हिंद आज है अपोका दीन।