कभी कभी
कभी कभी
कभी कभी कुछ लोगों को
भूल जाना ही बेहतर है।
किसी ने अगर आना होता तो
गया ही नहीं होता वो।
हमने तो उनकी राह में
आंखें तक बिछा दी।
और वो कहते ही कि
हमने कभी बुलाया ही नहीं।
मान लिया हमने भी कि
वो था ही नहीं हमारा।
जिन्हें अपना बनाने के लिए
हमने सदियाँ बीता दी।
कभी कभी किसी को
भूल जाना ही बेहतर है।