जननी
जननी
माँ है तो संसार है
बिन मॉं जीवन बेकार है ॥
आँखों में उमड़ते आँसू
छिपाने की कोशिश
होठों पे मुस्कान है ॥
ये तो माँ की दास्तान है।
अपनी खुशियाँ करती जो
अपनों के लिए कुर्बान है ।
दर्द का घूंट पीती जो
शिव समान है।
ये तो माँ की दास्तान है ।
अर्न्तमन में दबाये जो
हजारों अनकहे सवाल है,
पर अपने परिवार रक्षा हेतु
हर मोड़ पर शक्ति स्वरूप
बन तैयार है ।
तभी तो,
माँ है तो संसार है
बिन माँ जीवन बेकार है ॥
