Ajit Chavda
Abstract
नज़र कृष्ण की हो तो
सारी दुनिया में प्रेम है,
और नज़र राधा की हो तो
सारी दुनिया में कृष्ण है !
जन्माष्टमी
भाईदूज
भाई दूज
नया साल
नूतन वर्ष
अब तक था अँधेरों में अब चला जिंदगी की उजास में हूँ। अब तक था अँधेरों में अब चला जिंदगी की उजास में हूँ।
कि उसकी आत्म जागीर किसी सनामी-अनामी- गुमनामी की मोहताज नहीं। कि उसकी आत्म जागीर किसी सनामी-अनामी- गुमनामी की मोहताज नहीं।
बहुत याद आती हैं वो यारियां वो बचपन की शैतानियां। बहुत याद आती हैं वो यारियां वो बचपन की शैतानियां।
ऐ मन तू अब भी मुश्किल में है, अब तक उसका हल मिला नहीं। ऐ मन तू अब भी मुश्किल में है, अब तक उसका हल मिला नहीं।
इस देश पर राज किया गौरा, अब पीछे पड़े क्यों पिटते हो ढिंढोरा ! इस देश पर राज किया गौरा, अब पीछे पड़े क्यों पिटते हो ढिंढोरा !
हे पर हक हारी हमारा उचित हक दे दो, दया मत दिखाओ इसे खुद के लिए रख लो। हे पर हक हारी हमारा उचित हक दे दो, दया मत दिखाओ इसे खुद के लिए रख लो।
बस आरोप प्रत्यारोप में अमर्यादित शब्दों का जी भरकर प्रयोग करते हैं, बस आरोप प्रत्यारोप में अमर्यादित शब्दों का जी भरकर प्रयोग करते हैं,
समुन्दर शांत है तो सुंदर है । समुन्दर शांत है तो सुंदर है ।
कभी आंखों से इतनी शांत मानो जीते जी कहीं की लाश कभी आंखों से इतनी शांत मानो जीते जी कहीं की लाश
एक अजीब सी दहशत हर मन में छाई है, घरों में कैद हैं फिर भी सूकून कहाँ भाई है। एक अजीब सी दहशत हर मन में छाई है, घरों में कैद हैं फिर भी सूकून कहाँ भा...
चेहरे पर मुस्कान फुदकती रहती है उदास से मौसम में ख़ुशी चहकती रहती है। चेहरे पर मुस्कान फुदकती रहती है उदास से मौसम में ख़ुशी चहकती रहती है।
हे मानव, प्रकृति का तुम सम्मान करना। हे मानव, मानव का तुम उद्धार करना। हे मानव, प्रकृति का तुम सम्मान करना। हे मानव, मानव का तुम उद्धार करना।
प्रेम के होते कई चेहरे जो दिखते हमें हरे भरे।। प्रेम के होते कई चेहरे जो दिखते हमें हरे भरे।।
आओ चलें, मीलों चलें एक बार फिर साथ मिल कर चलें। आओ चलें, मीलों चलें एक बार फिर साथ मिल कर चलें।
दिल में कितने ही गम हो फिर भी तुम मुस्कुराना। दिल में कितने ही गम हो फिर भी तुम मुस्कुराना।
तुम अपने ख्यालों से आज़ाद करदो सुनो अब तुम मुझे रिहा कर दो। तुम अपने ख्यालों से आज़ाद करदो सुनो अब तुम मुझे रिहा कर दो।
इंसान शायद समझ लें, वह केवल इंसान है, धर्म केवल इंसानियत। इंसान शायद समझ लें, वह केवल इंसान है, धर्म केवल इंसानियत।
जीवन के नये राह में खुशियाँ मिलना.. यहीं जितने की उम्मीद है। जीवन के नये राह में खुशियाँ मिलना.. यहीं जितने की उम्मीद है।
जलता है ज़माना, दोस्त मेरा सबसे नायाब है, सर झुका दे हर कोई, ऐसा उसका रुआब है। जलता है ज़माना, दोस्त मेरा सबसे नायाब है, सर झुका दे हर कोई, ऐसा उसका रुआब ह...
यहां स्थित मेरा लिंग स्वरुप सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कहलायेगा।। यहां स्थित मेरा लिंग स्वरुप सोमनाथ ज्योतिर्लिंग कहलायेगा।।