जल ही जीवन
जल ही जीवन
जल ही जीवन
पंचतत्वों मे जल
का प्रमुख महत्व
ब्राह्मड मे अवनी
पच्चिस जल
पचहत्तर प्रतिशत
चल जाए बिन आहार
जीवन जल विहीन
समाप्त जीवन
प्रतिशत अस्सी
दूध मे जल
जल खून मे
पचत्तर प्रतिशत!!
जल जीवन का सत्य
जल संरक्षण जीवन
संवर्धन!!
बिन जल ज्वाला
अंगार विश्व मानवता
संसार!!
युद्ध का कारक
कारण विशुद्ध
जर जोरू जमीन
मशहूर
धरती सुखी
हृदय उसका
छटपटा रहा जैसे
मीन
जल पाताल गया
वलि जहाँ का मूल
दानेन्द्र नहीं करेगा
जल जीवन को
दान
सुख गए ताल
तलैया नदियां नालो
मे तब्दील
जल जीवन पर
संकट संक्रमण
भय भयाक्रांत है
काल समय
संरक्षित हो कैसे
जल जीवन प्रश्न
बहुत गंभीर
युद्ध लड़े जाएंगे
युद्ध मैदानो मे
कारण आत्म
अभिमान सम्मान
नहीं
जल जन्मेजय
इच्छा और परीक्षा
चाहत होंगे भीषण
संग्राम
जल ही जीवन
सत्य जीवन दर्शन
जल संरक्षण
युग जीवन सृष्टि
संरक्षण संवर्धन
