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जिंदगी

जिंदगी

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जिंदगी की ये कशमकश, समझ नहीं आती

कुछ सही करने की कोशिश, गलत राह ले जाती

शब्दों की उलझने समझ नहीं आती

कुछ समझाने की कोशिश, गलत बना जाती

चेहरे की ये खुशी, समझ नहीं आती

जो आंसुओं से करके दगाबाज़ी, खुद इस पर बिखर जाती

मन की सांत्वना समझ नहीं आती

जो दिल से करके बेवफ़ाई खुद को सही बताती।


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