जिंदगी
जिंदगी
ए जिंदगी तेरे बड़े फलसफे सुने
किसी ने जिंदगी बिताई,
किसी ने जिंदादिली से जी किसी ने जिंदगी काट दी,
कुछ ने उधार समझी और यूं ही बांट दी
हमने सोचा कि हम तेरा क्या करें
बिता दे या जी ले या काट दे,
या यूं ही उधार में बांट दें
तू भी तो बड़ी बेवफा है,
सुख भी देती है, दुख भी देती है गम
भी देती है, और रूला भी देती है ,
हर हाल में हमें खुश नहीं होने देती है,
फिर तय किया कि तू जो भी है,
जैसी भी है ,एक बार मिली है
फिर एक बार क्यों न तुझे जी के देख लिया जाए।
दूसरे के नजरियों से तुझे क्यों आंकना,
खुद तुझे जीके अपना फलसफा दिया जाए
तू कभी शहद सी मीठी है ,कभी नीम सी कड़वी है,
कभी हवा से हल्की है ,कभी जमीं से भी भारी है
जिंदगी की मुसीबतों से मेरी जंग अब भी जारी है
मैं हार नहीं मानूंगी, ये मेरी जिम्मेदारी है
ऐ जिंदगी! तुझसे ये वादा रहा
हम तुझे जी कर ऐसे दिखाएंगे कि
दूसरों के लिए मिसाल बन जाएंगे
तुझे भी हम पर फक्र होगा
कि तुझे जीने हम आए हैं।