ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
रात अंधेरी आयी तो मैने तुझे,
चांद तारों में ऐसे सजा दिया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
जब गम के बादल छाए तो,
मैने खुशियों से तुझे खफा किया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
हो खुशी की रुत, या हो गम का मौसम -
हर हाल में तूजको साझा किया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
थे काटो से भरे, मेरे रास्ते
मैंने हर रास्ते को फतेह कर लिया
ज़िन्दगी मैंने तुझको खूब जिया
