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vatsal singh

Inspirational

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vatsal singh

Inspirational

जिंदगी गुमनाम है, मौत

जिंदगी गुमनाम है, मौत

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है गुरुर जिस जिंदगी का तुम्हे,

एक दिन वह भी चला जायेगा

मौत होगी सामने मुक्कमल तेरे

फिर भी तू कुछ नही कर पायेगा।


याद आयेंगे बुरे कर्म सारे तेरे,

अतीत सोच अपना तू पछताएगा

आंखें नम होती चली जायेंगी तेरी

रोना चाहे फिर भी तू रो नही पाएगा।


तरसेगा तू सबसे एक पल मिलने के लिए,

होश में होते हुए भी तुझे कोई याद नही आयेगा

पाव होंगे सही सलामत तेरे फिर भी

एक कदम भी उनकी तरफ चल नही पाएगा।


दिल धड़कता होगा, सांसे भी चल रही होगी,

जिंदगी गुमनाम थी तेरी तुझसे वही देखा जायेगा

सब कुछ ठीक करने की समझ तो होगी तुझमें

लेकिन उस समझ को भी तू समझ नही पाएगा


है गुरूर जिस जिंदगी का तुम्हे,

एक दिन वह भी चला जायेगा

मौत होगी सामने मुक्कमल तेरे

फिर भी तू कुछ नही कर पायेगा।



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