जीवन का आकर्षण
जीवन का आकर्षण
जिंदगी चलती जाती मकसद प्रेम आदर्श चाहत राह आश।।
प्रेम भावनाओं का समंदर जिंदगी की सच्चाई गहराई प्रेम और स्पर्श हृदय हर्ष आभास।।
स्पंदन की पस्फुटित धारा ,प्रेम वासना नही प्रेम आत्म पुकार की आराधना विश्वास।।
प्रेम और स्पर्श स्वर व्यजना अभिव्यजना प्रेम अभिव्यक्ति आवश्यक नही हृदय का स्पर्श मात्र शब्द स्वर प्रेम और स्पर्श का शीर्ष शिखर।।
प्रेम की कोई भाषा नही प्रेम नही अव्यक्त प्रेम और स्पर्श प्रेम की मर्यादा मर्म ।।
प्रेम परस्पर परोपकार प्रसंग संग हृदय की गहराई से भाँवो का तरंग।।
प्रेम परिणय बंधन नही, प्रेम स्वावलंब स्वत्रन्त्र प्रेम की भाषा परिभाषा की संमझ प्रेम और स्पर्श की सोच समझ उल्लास उमंग।।