Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

yashwant kothari

Comedy

3.6  

yashwant kothari

Comedy

होना फ्रेक्चर हाथ में ....

होना फ्रेक्चर हाथ में ....

5 mins
355


आखिर मेरे को भी फ्रेक्चर का लाभ मिल गया.जिस उम्र में लेखकों को मधुमेह ,उच्च रक्त चाप ,किडनी फेलियर ,या स्ट्रोक या ह्रदय की बीमारी मिलती है मुझे फ्रेक्चर मिला.मैंने सोचा अब इसी से काम चलाना होगा.मैंने प्रभु का धन्यवाद किया,और इस दर्दनाक हादसे पर यह स्वभोगी-स्ववित्तपोषित आलेख पेश-ए-खिदमत है.हुआ यों कि मैं सायंकालीन आवारा गर्दी के लिए निकला.गली पर ही एक एक्टिवा पर तीन बच्चियां तेज़ी से निकली ,मैं साइड में था ,मगर शायद दिन ख़राब था ,एक कुत्ते को बचाने के चक्कर में मेरी पीठ पर दुपहिया वाहन ने तीनों लल्लियों के साथ टक्कर मारी,मैं गिरा ,सड़क पर तमाशा होने ही वाला था की लड़कियों ने वाहन उठाया और चलती बनी .तभी मुझे किसी भले मानस ने उठाया मेरे हाथ में असहनीय दर्द शुरू हुआ,मुझे समझ आगया कही कुछ गड़बड़ है.घर वाले आये तब तक में पास के क्लिनिक में चला गया.डोक्टर समझदार था बोला-

"बाबा अकेले आये हो ?कुछ जेब में है या नहीं?"

मैंने कहा –"अभी तो मरहमपट्टी कर दो.तब तक घरवाले आ जायेंगे."

"बाबा यह तो दुर्घटना का मामला है,पुलिस का लफडा भी हो सकता है".मैंने शालीनता से कहा –"पुलिस केस नहीं करना है." मैं दर्द से कराहता रहा,डाक्टर के कुछ फर्क नहीं पड़ा.घ रवाले भी आ गये.अब डाक्टर ने ध्यान दिया ,"एक्स रे होगा ,कुछ और जांचे होगी .दस हज़ार जमा करा दो ,फिर देखते हैं और पुलिस केस नहीं करना है इस का भी फार्म भर दो." घरवाले कागजी कार्यवाही में लग गए ,मैं पड़ा पड़ा कराहता रहा .नर्स ने चुपचाप पड़े रहने के निर्देश जारी किये.दर्द बढ़ता रहा एक्स से पता चल गया हाथ की हड्डी टूट गयी है.हाथ में सूजन आगई .दर्द बढ़ गया लेकिन अभी कोई दवा- दारू नहीं हुआ था.डाक्टर ने मुझे अन्दर बुलाया और कहा –"बाबा तुम्हारी हड्डी में फ्रेक्चर है" अपने पुराने ज्ञान के आधार पर मैंने पूछ लिया –"रेडियस टूटी है या अलना ." डाक्टर आग बबूला हो गया बोला –"डाक्टर मैं हूँ या तुम ?तुम्हारी टिबिया फेबुला लेफ्ट साइड की टूटी है."

घरवालों ने बताया की दर्द तो दायें भाग में हाथ में हैं लेकिन डाक्टर नहीं माना बाद में पता चला की एक्स रे प्लेट गलती से बदल गयी थी.एक पांव के मरीज़ की प्लेट मेरी समझ ली गयी थी.

अब पता चला की दाहिने हाथ की रेडियस में हेयर –थ्रेड फ्रेक्चर है ,जो मामूली क्रेप बेंडेज से ठीक हो सकता था.मैं समझ गया ये सब व्यंग्य लिखने के बाद मिली बाद दुआओं का असर है.

मगर डाक्टर को धंधा चलाना था. उसने अपनी नर्स को बुलाया मेरे को हाथ लटकाने के लिये सपोर्ट ,बेंडेज,दवा पेन किलर,व् कई अन्य साजो सामान देने का आदेश दिया.मुझे डाक्टर किराणे का दुकानदार लगा.

बिल बना मात्र पन्द्रह हज़ार जिसमे मेरे वहां लेटे रहने का भी खर्च शमिल था.घरवाली ने सब को खबर कर दी बच्चे भागे भागे आये.

डाक्टर दूसरे दिन समझ गया मोटी मुर्गी है धीरे धीरे हलाल करो. अब डाक्टर ने कहा -बाबा बुजुर्ग है ,लगे हाथ सब टेस्ट करा लो.बोडी का फुल चेक का पैकेज सस्ता है मैं और भी कम करा दूंगा.बाबा ने तुम सब को पाला पोसा है अब बाबा के काम पड़ा तो ना नुकर मत करो वैसे भी बाबा के जाने के बाद सब मॉल मत्ता तुम को ही मिलेगा.जाओ पैसे जमा करा दो.

मैं मना करता रहा मगर एक मामूली फ्रेक्चर के लिए पूरी बोडी का चेक अप हुआ.एक सुंदर सी लड़की घर आकर ही सैंपल ले गयी .दो दिन बाद बाद लम्बी चोडी रिपोर्टों का एक पुलिंदा आया जिसमे कई जगहों पर निशान थे..मैंने बच्चे से कहा इस पर किसी पैथोलोजिस्ट के हस्ताक्षर नहीं है वो बोला –उस से क्या फरक पड़ता है बीमारी तो सिग्नेचर से बदल नहीं जायगी.बात सही थी.मैंने मान ली.

अब मुझे एक बड़े नामी अस्पताल में डाल दिया गया , और एक लाख रूपये जमा करा दिए गए.हाथ का दर्द का यथावत था.मगर अब हाथ को सब भूल गए थे सब डाक्टर और घरवाले जाँच रिपोर्ट के आधार पर मुझे गंभीर बीमार घोषित कर चुके थे.मैं भी रेडियो अल्ना को ठीक चाहता था मगर कोई सुन ने वाला नहीं था.विशेषज्ञों के अनुसार मैं एक खंडहर था जो कभी एक ईमारत थी,वे इस खंडहर रूपी ईमारत की मरम्मत करना चाहते थे.

डाक्टरों की एक सेमिनार में मुझे एक केस हिस्ट्री की तरह पेश किया गया ,इस का फायदा इस ना मी हॉस्पिटल को मिला और डाक्टर को प्रमोशन भी मिला.डाक्टरों के अनुसार मेरा सड़क पर गिर कर घायल होना एक एसी घटना थी जिस पर शोध से नई पीढ़ी को ज्ञान मिलेगा,हाथ का क्या है आज नहीं तो कल ठीक हो जायगा.बिल बढ़ता जा रहा था ,मेडी क्लेम निपट गया था,अब घर की पूँजी लग रही थी ,डाक्टरों के खाते में रोज कमिशन जुड़ रहा था,एक दिन तो गज़ब हो गया मेरे डीलक्स वार्ड में डाक्टर की दस विजिट मेरे खाते में दिखा दि गयी.भा री बिल आया.मगर एक पडोसी रोगी ने समझाया –आब आपको डिस्चार्ज कर देंगे.एक अन्य रोगी का परिजन बोला –"यहाँ एसा ही होता है रोगी और पैसे जमा कर दो ठीक हो गया तो रोगी को भेज देंगे नहीं अस्थियाँ गंगाजी में डालने हेतु कुरियर से घर भेज देते हैं क्योकि कई रोगियों के परिज़न विदेश में होते हैं और आ नही पाते.विशेषज्ञ डाक्टरों का एक पूरा पैनल राउंड पर आता और बीमारी का गंभीर विश्लेषण करता ." रेडियो अ लना का दर्द था, हाँ सूजन कम हो गयी थी.डाक्टर इस फ़िराक में थे की एंजियोप्लास्टी कर दे या डायलिसिस कर दे या फिर वेंटिलेटर पर डाल दे.घर वालों की श्रद्धा भी अब थक गयी थी.किसी बहाने मैं अस्पताल से निकलना चाहता था.एक रोज़ अस्पताल की उबली सब्जी खाने के बाद मैं निकल भा गा और सीधे एक स्थानीय हड्डी पहलवान से मालिश करा कर ठीक हो गया. पहलवान ने लेखक होने नाते फीस भी नहीं ली.लम्बे चोडे बिलों से जान छूटी .लौट के व्यंग्यकार घर को आया .



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy