Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Master Gaming

Classics

4  

Master Gaming

Classics

होली

होली

2 mins
398


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

दबे और सहमे उन कदमों को बाहर निकलो रे,

कुछ धीमे और डरे आवाजों को बुलन्द कर जाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

आशुओं कि कतारों को आज सिमटाओं रे,

सहादत को प्राप्त उन वीरों की वीरगनाओं को हर्ष पहुँचाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

मुठ्ठी में बन्द उन आकाक्षाओं को बाहर निकालो रे,

स्वयं के लिए भी आज आवाज उठाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

 माँ-पिता कि आँखों में कुछ पल अपने भी सजाओ रे,

कुछ पल साथ रहकर उनकी बातों 

से मन के द्वेष मिटाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

बेसहारा उन नन्हें हाथों की सिलवटों का निशान मिटाओ रे,

उनकी नन्हीं कदमों को विद्या कि सीढ़ी तक ले जाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

निशब्द प्रकृति कि एहसास से कर्त्तव्य को अवगत कराओ रे,

सजीव प्रकृति को मानवता के संतापों से बचाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

बेजुबा पशुओं पर भी दया दृष्टि दिखाओ रे,

कुछ कर ना सको तो उनको सुरक्षित बचाओ रे।


इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।

बचे ममत्व से समाज में एक-दूसरे से द्वेष मिटाओ रे,

सम्भाल के रखो इन्सानियत और इन्सान कहलाओ रे।


हो रहा है आँचल कि पंक्तियों से कुछ विचारधारात्मक प्रयास तो,

इस होली सकुशल परिवर्तन लाओ रे।

इस होली आओ रे, उनको भी रंग लगाओ रे।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Master Gaming

Similar hindi poem from Classics