होली का आगमन
होली का आगमन
जब प्रकृति में होता परिवर्तन
तब होता होली का आगमन
कितना खिलता मन-उपवन
जब आता ये उत्सव पावन
फसलें सारा ही कट जाती है,
किसान की हंसी बढ़ जाती है,
जब होता होली का आगमन
हरजन का मन हो जाता प्रसन्न
पलास के सुंदर फूल खिलते है,
होली पे सब प्रेम से गले मिलते है,
बुराई का मिट जाता आज तन
जब करते हम होलिका दहन
गर्मी की आहट से जलता बदन
पर पीते ओल्या हम सब जन
जब होता होली का आगमन
प्रकृति का भी खिलता मन
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भाईचारे का देती होली संदेश,
सब मिलकर रहो लोगो हिंददेश,
सब भीतर की बुराई मिटाओ
आज नही हरदिन होली मनाओ
होली देती हमे खुशियों का खेत
सब मिटाओ आज मन के भेद
होली का जब होता आगमन
सब माथे लगता खुशी चंदन
व्यस्त रहो और मस्त रहो
होली के गीत तुम गाते रहो
होली मिलाती परिवार जन
ये उत्सव न वरदान से कम
होली को करो तुम वंदन
ये देती खुशी का वन नंदन
होली का होता जब आगमन
मन हो जाता है,सबका प्रसन्न।