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Pragyanshu Pandey

Drama

5.0  

Pragyanshu Pandey

Drama

हमने ही थे सपने साधे

हमने ही थे सपने साधे

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हम थे इतने सीधे साधे

चालाकी से आधे आधे

तुमसे कोई मांग नहीं थी

हमने ही थे सपने साधे


अंधियारों के दीप तुम्ही थे

लिखे जो गीत तुम्ही थे

रोज़ तुम्हें सब गाते होंगे

वो कितना दर्द छुपाते होंगे


याद तुम्हारी बाहर रख कर,

सोने को ज्यों जाते होंगे

तब तब उनकी नींदों में


स्वप्न तुम्हारे आते होंगे

तुमको आता देख कहीं भी

पांव हमारे भागे भागे

हमने ही थे सपने साधे


तुमने जितनी जगह देखीं

उनको ही तो स्वर्ग बनाया

सबसे सुंदर कृतियों का

तुमको ही संदर्भ बनाया


मेरे आँसू मेरी खुशियों के

उत्तर जब मांगे जाते

सबको उत्तर देते देते

तुमको हमने तर्क बनाया


तुम बिन जीवन है कुछ ऐसा

जैसे उधड़े धागे धागे

हमने ही थे सपने साधे।


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