STORYMIRROR

Shikha Gola

Inspirational

4  

Shikha Gola

Inspirational

हम सब एक हैं

हम सब एक हैं

1 min
418

अलग-अलग धर्मो से सजती है मेरे भारत देश की वादी, 

ग्रामीण युग में पाई थी हमने वीरो के बलिदान से आज़ादी।


अब आधुनिक भारत में डाक-तार का वो दौर नहीं, 

लेकिन इसका यह मतलब ना समझो, हमे रिश्तो का मोल नहीं।


अब व्यापार है डिजिटल, लेकिन देश भक्ति का जुनून कम नहीं।

देश की मिट्टी को चूमने का सुकून वही है, सुरूर कम नहीं। 


तिरंगे को फहराता देख, आँखों का तेज कम नहीं। 

खेतों को लहराता देख, किसानों के प्रति कृतज्ञता कम नहीं।


सुरक्षा में तैनात फौज का देखो साहस भी कम नहीं।

वीरों को देख हमारा अभिमान कम नहीं। 


अलग-अलग चाहे बोली सबकी, लेकिन किसी भाषा का सम्मान कम नहीं। 

मंदिर, मजस्दि, मठ, गुरुद्वारा, गिरिजाघर को देख शीश झुकाना बंद नहीं, 


हम सब मिलकर होने न देंगें तिरंगे की शान कम नहीं, 

ये ही है मेरे भारत देश की संस्कृति, इस पर मेरा विश्वास काम नहीं। 


जो भूल बैठे अपने संस्कारों को, उन्हें याद दिलाने का यह नया दौर है,

ये संस्कार ही तो हमें बताते पशु-पक्षी, चाँद, सूरज भी हमारे देव है,

विभिन्न धर्मों के चाहे हम सब फिर भी एक है।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational