हम कब महान होंगे
हम कब महान होंगे


हम कब महान होंगे
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे
जब भूखा कोई ना सोएगा
सिर्फ इंसानियत के बीज ही बोएगा
जब रोटी की कमी नही होगी
इंसानियत की खेती ही होगी
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे
जब हम एक दूजे का हाथ थाम
सबको आगे बड़ाएंगे
राह चलती पराई नारी को
बहन हम बतलाएंगे
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे
जब उद्दोगपति बड़े-बड़े मंचो से
नारा यह लगाएगें
देश के अतिंम वंचित व्यक्ति को
संसद मे बिठँलाएगे
हम कब महान होंगे
हम तब म
हान होंगे
जब हर नेता यह बोलेगा
मैं सेवक हूँ सेवा करके ही जाऊंगा
देश सेवा के बदले
पगार नही मैं पाऊंगा
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे
जब हम पूरी दूनिया को
करके यह दिखलाएंगे
नारी के कंधे से कंधा
नर नहीं
नारी के कंधे से कंधा
मिलाकर आगे बडते जाएंगे
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे
जब नव वर्ष की पावन बेला पर
बच्चों को कसम खिलाएंगे
उत्सव बनाना बाद में
पहले पेड़ लगांएगे
हम कब महान होंगे
हम तब महान होंगे।